नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के परिचालन में हाल के दिनों में मची खलबली के बीच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सख्त कार्रवाई की है। DGCA ने शुक्रवार को चार फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर्स (FOIs) को सस्पेंड कर दिया, जो इंडिगो की सुरक्षा और संचालन अनुपालन की निगरानी के जिम्मेदार थे। यह कदम प्रारंभिक जांच में सामने आए लापरवाही के आरोपों के बाद उठाया गया है, जिसने विमानन सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

12 दिनों से गंभीर संकट

पिछले 12 दिनों से इंडिगो को गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियमों का पालन न कर पाने के कारण एयरलाइन ने हजारों उड़ानें रद्द कीं, जिससे लाखों यात्री हवाई अड्डों पर फंस गए। दिल्ली और बेंगलुरु जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर गुरुवार को ही 200 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं। सामान्यतः 2,300 दैनिक उड़ानों का संचालन करने वाली इंडिगो अब केवल 1,950 उड़ानों तक सीमित हो गई है, जो लगभग 3 लाख यात्रियों को ले जाने वाली हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइन को विंटर शेड्यूल में 10 प्रतिशत की कटौती करने का निर्देश दिया है।

यह भी पढ़ें :  शीतलहर से बचाव को जिला प्रशासन अलर्ट, जनपद में अलाव व रैन बसेरे संचालित; डीएम आकांक्षा कोंडे के निर्देश पर कंबल वितरण, स्वास्थ्य व राशन आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़

DGCA ने गुरुवार को इंडिगो के गुरुग्राम स्थित मुख्यालय में अपनी टीमें तैनात कर दीं, जो क्रू तैनाती, रद्दीकरण, रिफंड प्रक्रिया और प्रभावित रूट्स की निगरानी कर रही हैं। एक चार सदस्यीय जांच पैनल ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स से कई घंटों तक पूछताछ की और शुक्रवार दोपहर 2 बजे फिर से उपस्थिति दर्ज करने का आदेश दिया। COO Isidre Porqueras भी पैनल के समक्ष पेश होंगे। पैनल में जॉइंट डायरेक्टर जनरल संजय ब्रह्मणे, डेप्युटी डायरेक्टर जनरल अमित गुप्ता, सीनियर FOI कपिल मंगलिक और FOI लोकेश रामपाल शामिल हैं।

सस्पेंड इंस्पेक्टर्स पर कार्रवाई

सस्पेंड किए गए चार FOIs— रिशि राज चटर्जी, सीमा झामनानी, अनिल कुमार पोखरियाल और प्रियम कौशिक— DGCA के कॉन्ट्रैक्ट आधार पर तैनात थे। ये अधिकारी इंडिगो के पायलट, डिस्पैचर और केबिन क्रू की ट्रेनिंग, फ्लाइट स्टैंडर्ड्स और दुर्घटना रोकथाम उपायों की जांच के जिम्मेदार थे। आंतरिक आदेश के अनुसार, इन्हें तत्काल प्रभाव से DGCA से रिलीव कर दिया गया है और मूल संगठनों में वापस भेज दिया गया। DGCA ने इनसे स्पष्टीकरण मांगा है और मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं।

यह भी पढ़ें :  हिंदूवादी संगठनों ने फूंका जिहादियों का पुतला

स्रोतों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में पाया गया कि इन अधिकारियों की निगरानी में लापरवाही बरती गई, जिससे इंडिगो के संचालन में व्यवधान हुआ। FOIs विमानन सुरक्षा के लिए एयरलाइनों का ऑडिट, सर्टिफिकेशन और अनुपालन सुनिश्चित करते हैं, लेकिन इस मामले में उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई।

ट्रैवल वाउचर की घोषणा

इंडिगो ने प्रभावित यात्रियों के लिए 10,000 रुपये के ट्रैवल वाउचर की घोषणा की है। कंपनी ने स्वीकार किया है कि 3-5 दिसंबर को कुछ हवाई अड्डों पर यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा। साथ ही, DGCA के निर्देश पर इंडिगो ने अगले एक वर्ष में 900 पायलटों की भर्ती अभियान तेज कर दिया है, ताकि फरवरी 2026 तक नए FDTL नियमों का पूर्ण पालन हो सके। संसदीय पैनल ने भी DGCA, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के शीर्ष अधिकारियों को तलब करने की तैयारी की है, ताकि विमानन क्षेत्र के इस संकट पर चर्चा हो सके।

यह भी पढ़ें :  एसपी अरुणा भारती ने जीआरपी थाना लक्सर का किया आकस्मिक निरीक्षण, दिए निर्देश

यात्रियों के लिए चेतावनी

DGCA ने सभी एयरलाइनों से सख्ती से सुरक्षा मानकों का पालन करने और पारदर्शिता बनाए रखने को कहा है। यात्रियों से अपील की गई है कि उड़ान रद्द होने की स्थिति में तुरंत रिफंड या वैकल्पिक व्यवस्था की मांग करें। यह घटना भारतीय विमानन क्षेत्र की कमजोरियों को उजागर करती है, जहां सुरक्षा पहले आती है, लेकिन परिचालन दबाव अक्सर इसे प्रभावित करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *