नई दिल्ली : नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य आरोपियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वर्तमान चरण में ईडी की शिकायत पर संज्ञान नहीं लिया जा सकता, क्योंकि यह मामला भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक निजी शिकायत पर आधारित है, न कि किसी एफआईआर पर। हालांकि, अदालत ने ईडी को अपनी जांच जारी रखने की अनुमति दे दी है।

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इसके अलावा, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज नई एफआईआर की प्रति देने की मांग को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य आरोपी इस चरण में एफआईआर की कॉपी प्राप्त करने के हकदार नहीं हैं।

यह मामला वर्ष 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी की निजी शिकायत से शुरू हुआ था, जिसमें कांग्रेस नेताओं पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से गलत तरीके से हड़पने का आरोप लगाया गया था। ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य को नामजद किया गया था।

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कांग्रेस ने इस मामले को राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है, जबकि ईडी ने इसे गंभीर आर्थिक अपराध बताया है। कोर्ट के इस फैसले से गांधी परिवार को फिलहाल राहत मिली है, लेकिन जांच जारी रहने से मामला पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।

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