नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने छात्रों, अभिभावकों और आम जनता को तीन फर्जी संस्थानों के खिलाफ बड़ी चेतावनी जारी की है। ये संस्थान बिना किसी वैधानिक मान्यता के खुद को विश्वविद्यालय बताकर डिग्रियां बांट रहे हैं। UGC ने स्पष्ट किया है कि इनसे प्राप्त कोई भी डिग्री उच्च शिक्षा या नौकरी (सरकारी या निजी) के लिए मान्य नहीं होगी।

UGC के अनुसार, ये संस्थान UGC अधिनियम, 1956 की धारा 2(f) या धारा 3 के तहत मान्यता प्राप्त नहीं हैं और न ही AICTE या किसी अन्य वैधानिक निकाय से अनुमति प्राप्त है। ऐसे में इनमें दाखिला लेना छात्रों के करियर को गंभीर खतरे में डाल सकता है।

यह भी पढ़ें :  उत्तराखण्ड में SIR के लिए 167 नए एईआरओ तैनात, देखिए जिलेवार सूची..

फर्जी संस्थानों के नाम और स्थान:
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट सॉल्यूशन (NIMS) – जानकीपुरी, नई दिल्ली यह संस्थान विभिन्न कोर्सों में डिग्रियां जारी कर रहा है, लेकिन इसे डिग्री देने का कोई अधिकार नहीं है।

सर्व भारतीय शिक्षा पीठ – देवनूर मेन रोड, विजय नगर, तुमकुर जिला, कर्नाटक यह संस्थान भी नियमों का उल्लंघन करते हुए अवैध डिग्रियां बांट रहा है।

नेशनल बैकवर्ड कृषि विद्यापीठ (नेशनल बैकवर्ड कृषि विद्यापीठ) – तडवाल गांव, अक्कलकोट तालुका, सोलापुर जिला, महाराष्ट्र कृषि संबंधित कोर्सों के नाम पर फर्जी डिग्रियां जारी कर रहा है।

यह भी पढ़ें :  धूमधाम से मनाई गई स्व. बडोनी की जन्म शताब्दी

UGC ने कहा कि ये ‘स्व-घोषित’ संस्थान हैं जो छात्रों को गुमराह करते हैं। हर साल कई छात्र ऐसे झांसे में आकर अपनी मेहनत और समय बर्बाद कर लेते हैं। आयोग समय-समय पर फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची अपडेट करता रहता है और छात्रों से अपील की है कि दाखिला लेने से पहले UGC की आधिकारिक वेबसाइट पर संस्थान की मान्यता जरूर जांचें।

छात्रों को सलाह दी गई है कि किसी भी संस्थान में एडमिशन से पहले उसकी वैधता की पुष्टि करें, ताकि भविष्य सुरक्षित रहे। UGC की यह कार्रवाई फर्जी शिक्षा संस्थानों पर लगाम कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *