बिजनौर : यूपी के मुरादाबाद स्थित न्यायालय भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकरण (लारा कोर्ट) ने सिंचाई विभाग से संबंधित एक प्रकरण में बिजनौर में जमीन अधिग्रहण होने के बाद भी मुआवजे का भुगतान न किए जाने के मामले में बिजनौर का डीएम आवास कुर्क करने के आदेश बीते शुक्रवार को किए थे। इस आदेश के बाद कल शनिवार को पूरे दिन एसएलओ (विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी) कार्यालय में अफरातफरी का माहौल बना रहा है। इस मामले में सुनवाई के लिए नौ जनवरी 2026 नियत की गई थी।

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उधर, दफ्तर में अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक प्रकरण को लेकर फाइल लेकर यहां-वहां चक्कर काटते रहे। सिंचाई खंड बिजनौर ने ग्राम इब्राहीपुर कुम्हारापुरा निवासी उमेश कुमार की 1.165 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया था। इस भूमि के मुआवजे के रूप में 25 लाख 23 हजार 973 रुपये की धनराशि बकाया थी।

भुगतान संबंधी कोई कार्रवाई नहीं होती देख उमेश ने मुरादाबाद स्थित न्यायालय भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकरण में वाद दायर कर दिया। दायर वाद में कहा गया था कि 13 मार्च 2020 मुआवजा देने का आदेश हुआ था। इसके बाद भी जिला प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण के मुआवजे का भुगतान नहीं किया।

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हालांकि जिला प्रशासन मुआवजे का भुगतान करने में सक्षम है। परेशान होकर वादी उमेश ने डीएम आवास को कुर्क कराकर मुआवजा की धनराशि दिलाए जाने का अनुरोध किया। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्रवाई न किए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रत्येक निष्पादन वाद छह माह के भीतर तय होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया जा सका। जिसके बाद प्रकरण की सुनवाई करते हुए लारा कोर्ट ने डीएम के शासकीय आवास को कुर्क करने का आदेश दिया। जिसके बाद अब इस मामले में सुनवाई के लिए नौ जनवरी 2026 नियत की गई है।

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